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आसु शायरी !! आंसू शायरी दो लाइन !! दर्द आंसू शायरी !! आंसू शायरी 2023
कभी-कभी आंसू ,बहा भी लेना चाहिए,अपने दिल के दर्द को,जता भी लेना चाहिए.
दुपट्टे से अपने वो पोंछता है आँसू मेरे,रोने का भी अपना कुछ अलग ही मज़ा है।
मुस्कुराती आँखों से अफ़साना लिखा था,शायद आपका मेरी ज़िन्दगी में आना लिखा थातक़दीर तो देखो मेरे आँसू की,भी तेरी याद मे बह जाना लिखा था
ज़िन्दगी नहीं हमें दोस्तों से प्यारी,दोस्तों के लिए हाजिर है जान हमारी,आँखों में हमारी आँसू है तो क्या,खुदा से भी प्यारी हैं मुस्कान तुम्हारी..!
इनको न कभी आँख से गिरने देता हूँ,उनको लगते हैं मेरी आँख में प्यारे आँसू।
जब-जब मैंने अपने,दर्द का हिसाब लगाया,तब-तब अपने दर्द को मैंने,माँ के दर्द से कम ही पाया.
क्या लिखूं हकीकत-ए-दिल आरज़ू बेहोस है,खत पर आँसू बह रहे हैं कलम खामोश है।
पल फुर्सतों के ज़िंदगी से छाँट लेते हैं,चलो ना थोडी खुशियाँ,थोडे आँसू बाँट लेते हैं…!
ना जाने कब कोई तारा टूट जाए।ना जाने कब कोई आँसू आँख छूट जाए ।कुछ पल हमारे साथ भी हँस लो।ना जाने कब तुम्हारे दांत टूट जाए।
अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आँसू,अभी छेड़ी कहाँ है दास्तान-ए-ज़िन्दगी मैंने।
आसु शायरी हिन्दी
अश्क बहाने से, दिल का दर्द कम तो नहीं होता बस थोड़ी देर के लिए बह जाता है
हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश की बूँदें,मगर मेरी आँखों से ये सावन आज भी हार जाता है।
क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है, ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है!
खुलते भी भला कैसे आँसू मेरे ओरो पर।हँस हँस के जो मै अपनी हालात बताता हूँ।मिलते रहे दुनियां में जो जख़्म मेरे दिल को।उनको भी समझ कर मै सोगात बातता हूँ।
जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क़.यूँ कोई दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े।

जब दर्द सहने की आदत हो जाती हैतो आंसू निकलने खुद-ब-खुद बंद हो जाते है
बह जाती काश यादें भी आँसुओ के साथ,तो एक दिन हम भी रो लेते तसल्ली से बैठ कर।
ज़माने से ना पूँछों हाल-ए-दिल, आँसू बयान करते हैं ज़ख़्मों की गहराई ।
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है।हर एक आँसू समंदर नज़र आता हैं।कहाँ रखु मैं शीशे सा दिल अपना।हर किसी के हाथ में पत्थर नज़र आता हैं।
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे,जैसे कोई गम छुपा रहे थे,बारिश में भीग के आये थे मिलने,शायद वो आँसू छुपा रहे थे।
आंसू शायरी हिन्दी 2023
अर्ज़ किया है- तुमसे है मोहब्बत इतनी,ये मेरे नैन कहते हैयाद तुम्हारी आने के बाद,आंसू मेरे बहते है.
मुस्कुराने की आरजू में छुपाया जो दर्द को,अश्क हमारी आंखों में पत्थर के हो गए।
आँसू पीकर भी जो मुस्कुराए वही तो ज़माने को जीत पाए
क्या वजूद होगा जो हम उनको भूल जायें।फिर कभी तन्हाई में हम खुद को हि तड़पाये।रोये हम बेहिसाब कोई आँसू पूछने ना आये।खुद को यूही कोसते रहे और बस पछताये।
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाकात हुई,आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से,मेरी भी आँखों से आँसुओं की बरसात हुई।

शिकायतों की पाई-पाई,जोड़ कर रखी थी मैंने.उनके 2 आंसुओ ने सारा,हिसाब बिगाड़ दिया.
जिन्हें सलीका है ग़म समझने का,उन्हींके रोने में आँसू नज़र नहीं आते…ख़ुशी की आँख में आँसू की भी जगह रखनाबुरे ज़माने कभी पूछकर नहीं आते…
आँखो से आंसू क्यों छलक जाते हैं।तन्हाईयों में गम क्यों याद आते हैं।आँसू पोछ कर कोई ये बता दे हमसे।दुर रहने वाले अक्सर क्यों याद आते हैं।
पलकों से अश्क़ गिरा है तो उसे गिरने दो,सीने में कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी।
अर्ज़ किया है-मेरे दिल में तेरे लिए,प्यार सच्चा लगता है.और हमें आपके लिए,आंसू बहाना अच्छा लगता है।
आंसू शायरी दो लाइन हिन्दी
किसी के बहते आसुओं को पोछोगे,तभी खुद का दर्द भूलकरदुसरो के दर्द की सोचोगे..
बहुत अंदर तक तबाही मचाता है,वो आँसू, जो आँख से बह नहीं पाता।
डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में,मैं नहीं मानती आँसू.. ज़रा सा पानी है
आँखो में आँसू और दिल में कुछ अरमान रख लो,लम्बा सफर हैं मोहब्बत का जरुरी सामान रख लो.
सोचा ही नहीं था ज़िन्दगी मेंऐसे भी फसाने होंगे,रोना भी जरुरी होगाआँसू भी छुपाने होंगे।

लोगो की बातों को,दिल से ना लगाना.इनको तो बस आता है,दूसरों का दिल दुखाना.
मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे,अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता,मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे,अब इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।
“ज़िन्दगी की ग़ज़ल के शेरों का ?आखिरी तर्ज़ुमा तो आँसू है…!”
होगा अफसोस जब हम ना होगे,तेरी आँखों से आँसू कम ना होगे,बहुत मिलेगे तेरे अरमानो से खेलने वाले,लेकिन उस वक्त तेरी परवाह करने वाले हम ना होगे,
दो चार आँसू ही आते हैं पलकों के किनारे पे,वर्ना आँखों का समंदर गहरा बहुत है।
दर्द आंसू शायरी हिन्दी
आंसुओं का जब बहना होता है,मेरे दिल का तब ये कहना होता है.कि क्यू मै तुझे इतना हुआ चाहता,कि इक ख्याल ही तेरा मुझे बेहद रुलाता.
दिल में हर राज़ दबा कर रखते हैं,होंठों पे मुस्कुराहट सज़ा के रखते हैं,यह दुनिया सिर्फ ख़ुशी में साथ देती है,इसलिए हम अपने आँसुओं को छुपा कर रखते हैं।
कैसे हो पाये भला इंसान की पहचान ?दोनों नकली हो गए, आँसू और मुस्कान..!!
जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया,आँखो में आँसू भरे थे पर मै रो नहीं पाया,एक दिन उन्होने कहाँ कि हम मिलेगे ख्वाबो में,पर मेरी बदकिस्मती तो देखिए उस रात मैं,खुशी के मारे सो नहीं पाया,
वो अश्क़ बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।

जब-जब मुझे तू याद आता हैना जाने क्यू मुझे अँधेरा बहुत भाता है शायद इसलिए कि कोई देखे ना मेरे आंसू क्यूंकि ख्याल तेरा मुझे बेहद रुलाता है.
कोई दुःख बसा है उनकी आँखों में शायद,या मुझे खुद ही वहम सा हुआ है शायद,जब पूछा क्या भूल गए हो हमे तुम,पोंछ कर आँसू अपनी आँख से उसने भी कहा शायद।
तुझे बचपन मेँ ही मांग लेते..हर चीज मिल जाती थी…दो आँसू बहाने से..!!!
बहुत अंदर तक तबाही मचाता हैं,वो आँसू जो आँख से बह नहीं पाता,
आँसू भी मेरी आँख के अब खुश्क हो गए,तू ने मेरे खुलूस की कीमत भी छीन ली।
आसु शायरी video
इतना तो कभी ना रोये थे,जितना तुमने रुला दिया,ना जाने क्यू याद आते हो,जबकि हमने तुम्हे कबका भुला दिया.
दिल की बात होंठो पर लाकर अब तक हम दुःख सहते हैं,हम ने सुना था इस ज़माने में दिल वाले भी रहते हैं,बीत गया सावन का महीना मौसम ने नज़रें बदलीं,लेकिन इन प्यासी आँखों से अब तक आँसू बहते हैं।
दर्द कितना है बता नहीं सकते,ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते,आँखों से खूद समझ लो आँसू गिरे हैंकितने गिना नहीं सकते…
आँसू तेरी यादो की कैद में है,तेरी याद आने से इन्हें जमानत मिल जाती हैं,
बारिशें हो ही जाती हैं शहर में फ़राज़,कभी बादलों से तो कभी आँखों से।
पिता की आँखे कुछ अलग ही हुआ करती हैअश्क भी नहीं बहातीफिर भी दर्द कहा करती है
चुपके-चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है,हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
मेरी दोस्ती हमेशा याद आएगी कभी चेहरे पे हँसी,कभी आँखो मे आँसू लाएगी भूलना भी चाहोगे,तो कैसे भुलोगे मेरी कोई तो बात होगी जो हमेशा याद आएगी.
तुम करोगी याद एक दिन इस प्यार के जमाने को,चले जाएगे जब हम कभी वापस नहीं आएगे,करेगा महफिल में जब ज़िक्र हमारा कोई,तब आप भी तनहाई ढूढोगे आँसू बहाने को,
हमें आँसुओं से ज़ख्मों को धोना नहीं आता,मिलती है ख़ुशी तो उसे खोना नहीं आता,सह लेते हैं हर ग़म को जब हँसकर हम,तो लोग कहते है कि हमें रोना नहीं आता।